Friday, January 16, 2009

10 Days in the UAE ..




Us with the Abu Dhabi Corniche as the backdrop..










At the Madinat Jumeirah with the Burj Al Arab behind









On the way to the Jebel Hafeet summit













Tired after the shopping at Ibn Battuta










Neha at the Dubai Marina ..










At the Hult College Campus








In the Church during the Christmas Day mass




Cake cutting before that... .










This is a nice yet one of the pretty low key songs rendered by Jagjit Singh

मैं भूल जाऊं तुम्हे - Jagjit सिंह

मैं भूल जाऊं तुम्हे, अब यही मुनासिब है,
मगर भुलाना भी चाहूं तो किस तरह भूलूं?
मगर मगर भुलाना भी चाहूं तो किस तरह भूलूं ,
के तुम तो फिर भी हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं.
यहाँ तो दिल का यह आलम है क्या कहूं ,

(कमबख्त)... भुला सका न यह वो सिलसिला जो था ही नहीं।

भुला सका न यह वो सिलसिला जो था ही नहीं,

वो एक ख़याल जो आवाज़ तक गया ही नहीं।

वो एक बात जो मैं कह कहीं सका तुमसे,

वो एक रब्त जो हम्मे कभी रहा ही नहीं।

मुझे है याद वो सब जो कभी हुआ ही नहीं...

अगर यह हाल है दिल का , तो कोई समझाए

अगर यह हाल है दिल का , तो कोई समझाए,

तुम्हे भुलाना भी चाहूं तो किस तरह भूलूं?

के तुम तो फिर हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं..


के तुम तो फिर हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं॥

के तुम तो फिर हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं॥

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